On the innocence of a young boy, and the trying questions he poses to the adult. Background song, mixed with dialog, makes the presentation very moving.
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं,
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं] - २
[जीने के लिए, सोचा ही नहीं, दर्द संभालने होंगे] - २
मुस्कुराये तो, मुस्कुरान के, दर्द उतारने होंगे
मुस्कुराओं से भी तो लगता है जैसे होंटों पे क़र्ज़ रख्खा है
मिले जो हमें, धूप में मिले, छाओं के ठन्डे साए
[... dialogue ... ]
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[आँख अगर भर आये हैं बूँदें बरस जायेगी] - २
कल क्या पता किनके लिए आँखे तरस जायेगी
जाने कब गम हुआ कहाँ खोया एक आंसू छुपा के रख्खा था
[... dialogue ... ]
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं
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[तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं,
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं] - २
[जीने के लिए, सोचा ही नहीं, दर्द संभालने होंगे] - २
मुस्कुराये तो, मुस्कुरान के, दर्द उतारने होंगे
मुस्कुराओं से भी तो लगता है जैसे होंटों पे क़र्ज़ रख्खा है
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[ज़िन्दगी तेरे, ग़म ने हमें, रिश्ते नये समझाए] - २ मिले जो हमें, धूप में मिले, छाओं के ठन्डे साए
[... dialogue ... ]
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[आँख अगर भर आये हैं बूँदें बरस जायेगी] - २
कल क्या पता किनके लिए आँखे तरस जायेगी
जाने कब गम हुआ कहाँ खोया एक आंसू छुपा के रख्खा था
[... dialogue ... ]
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं
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