Although I used to hear this song as a teenager, I did not pay attention to its meaning until very recently. I don't know the story in the movie, but the woman's offer to her lover seems quite selfless, and therefore comes across as genuine.
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
(आजा पिया, तोहे प्यार दूँ
गोरी बय्याँ, तोपे वार दूँ
किसलिए तू, इतना उदास?
सूखे सूखे होंठ, अखियों में प्यास
किसलिए, किसलिए? ... हो ...) - २
आजा पिया ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
जल चुके हैं बदन कई, पिया इसी रात में
थके हुए इन हाथों को, दे दे मेरे हाथ में ... हो ...
(सुख मेरा ले ले, मैं दुःख तेरे ले लूं) - २
मैं भी जीयूं, तू भी जिए ... हो ...
आजा पिया ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
होने दे रे, जो ये जुल्मी है, पथ तेरे गाँव के
पलकों से छू डालूँगी मैं, कांटे तेरे पाँव के
(लट बिखराए, चुनरियाँ बिछाए) - २
बैठी हूँ मैं, तेरे लिए
आजा पिया ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
अपनी तो, जब अखियों से, बह चलें धार के
खिल पडी, वही एक हसीं, पिया तेरे प्यार के
(मैं जो नहीं हारी, सजन ज़रा सोचो) - २
किसलिए, किसलिए? ... हो ...
आजा पिया ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
(आजा पिया, तोहे प्यार दूँ
गोरी बय्याँ, तोपे वार दूँ
किसलिए तू, इतना उदास?
सूखे सूखे होंठ, अखियों में प्यास
किसलिए, किसलिए? ... हो ...) - २
आजा पिया ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
जल चुके हैं बदन कई, पिया इसी रात में
थके हुए इन हाथों को, दे दे मेरे हाथ में ... हो ...
(सुख मेरा ले ले, मैं दुःख तेरे ले लूं) - २
मैं भी जीयूं, तू भी जिए ... हो ...
आजा पिया ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
होने दे रे, जो ये जुल्मी है, पथ तेरे गाँव के
पलकों से छू डालूँगी मैं, कांटे तेरे पाँव के
(लट बिखराए, चुनरियाँ बिछाए) - २
बैठी हूँ मैं, तेरे लिए
आजा पिया ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
अपनी तो, जब अखियों से, बह चलें धार के
खिल पडी, वही एक हसीं, पिया तेरे प्यार के
(मैं जो नहीं हारी, सजन ज़रा सोचो) - २
किसलिए, किसलिए? ... हो ...
आजा पिया ...
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