Friday, April 13, 2012

पहली पहली बार मुहब्बत की है

Long distance romance, Bollywood style. The male lover, presents in a somewhat hotter Kerala climate,  exhorts his lover to send the cooler Nainital climate ...




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मेरे  महबूब, मेरे इस दिल में, रात को दिन, सुबह को शाम लिखा
इतना बेचैन कर दिया तुमने, मैंने ये ख़त तुम्हारे नाम लिखा 

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[पहली पहली बार मुहब्बत की है] - 2,कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?
[इश्क ने मेरी ऐसी हालत की है] - 2, कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?
पहली पहली बार मुहब्बत की है, कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?
इश्क ने मेरी ऐसी हालत की है, कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?
पहली पहली बार मुहब्बत की है, कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?

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मेरा हाल बुरा है, लेकिन, तुम कैसी हो लिखना
मेरा छोड़ो, जान मेरी, अपना ख़याल तुम रखना
कोरे कागज़ पे मैंने सारा अरमान निकाला
मेरे इस दिल  में जो कुछ था, ख़त में सब लिख डाला
हे ... हो ...
पहली पहली बार शरारत की है, कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?
पहली पहली बार मुहब्बत की है, कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?

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काश मेरा दिल भी कोई कागज़ का टुकडा होता
रात को तेरी बाहों में तकिये के नीचे सोता
हो, केरल में गर्मी है, नैनीताल से सर्दी भेजो
जो राहत पहुंचाए ऐसा कुछ बेदर्दी भेजो
बिन तेरी यादों के एक पल जीना है मुश्किल
कैसे लिख दूं तुझको कितना चाहे मेरा दिल
अपनी एक तस्वीर लिफाफे में रखकर भिजवादो
मैं खुद मिलने आऊँगी, कुछ दिन दिल को सम्झादों
तुम कितनी भोली हो
तुम कितने अच्छे हो
तुम कितनी सीधी हो
तुम कितने सच्चे हो
आ ... आ ... आ ... आ ...
[पहली पहली बार ये चाहत की है] - 2
कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?
[पहली पहली बार मुहब्बत की है] - 2
कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?
[इश्क ने मेरी ऐसी हालत की है] - 2
कुछ न समझ में आये मैं क्या करूँ?

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