Sunday, April 01, 2012

ये जो देश है तेरा, स्वदेश है तेरा, तुझे है पुकारा

Patriotism, when accepted voluntarily, can be an overwhelming emotion. As you reflect more on life, you feel the power of where you were born, raised, etc., in other words, a certain sense of belonging to where you were born.

(Although posted on April 1, this post is not an April Fool's joke).



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ये जो देश है तेरा, स्वदेश है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता
... ♫ ♫ ...
मिट्टी की है जो खुशबू, तू कैसे भुलायेगा
तू चाहे कहीं जाए तू लौटके आयेगा
नयी नयी राहों में, डबी डबी आहों में
खोये खोये दिल से तेरे, कोई ये कहेगा:
ये जो देश है तेरा, स्वदेश है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
तुझसे ज़िंदगी, है ये कह रही
सब तो पा लिया अब है क्या कमी
यूं तो सारे सुख है बरसे
पर दूर तू है अपने घर से
आ लौट चल तू अब दीवाने
जहां कोई तो तुझे अपना माने
आवाज़ दे तुझे बुलाने,
वही देश ...
ये जो देश है तेरा, स्वदेश है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता

[dialogue]
"... चैन से मर सकता हूँ"
"अपनी चौकट का दिया ... giving light to neighbor's house"
"मैं तै कर लिया, विनोद, मुझे वापस जाना है।"
"फिर वही बात। एक लडकी के लिए वापस कैसे जा सकते? Just, just, persuade her to come here."
"वो बात नहीं है। ये सिर्फ गीता और कावेरी अम्मा की बारे में नहीं है।"
[/dialogue]

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
ये पल है वही, जिसमें है छुपी
पूरी एक सदी, सारी ज़िंदगी
तू न पूछ रासते में काहे
आये हैं इस तरह दो राहें
तू ही तो है राह जो सुझाए
तू ही तो है अब जो ये बताये
जाए तो किस दिशा में जाए
वही देश ...
ये जो देश है तेरा, स्वदेश है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता

[dialogue]
"मैं समझ गया। I got it!
तू ने एक  बाल्टिया चलाया तो समझ रहा है तो पूरे देश में काम खिलाएगा
You are impossible"
[/dialogue]



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