The poet compiles nice dualities to describe that sublime feeling, love. The male lover sings [in background]:
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You are reality, [as well as] you are dream
You are the river, [as well as] you are the thirst
You are the [reason of] restlessness of my heart, [as well as] you are peace
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तू ही हकीकत, ख्वाब तू
दरिया तू ही, प्यास तू
तू ही दिल की बेकरारी
तू सुकून, तू सुकून
जाऊं मैं अब जब जिस जगह
पाऊँ मैं तुझको उस जगह
साथ हो के न हो
तू है रूबरू, रूबरू
[तू हमसफ़र, तू हमकदम
तू हमनवा मेरा] - 2
दरिया तू ही, प्यास तू
तू ही दिल की बेकरारी
तू सुकून, तू सुकून
जाऊं मैं अब जब जिस जगह
पाऊँ मैं तुझको उस जगह
साथ हो के न हो
तू है रूबरू, रूबरू
[तू हमसफ़र, तू हमकदम
तू हमनवा मेरा] - 2
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आ तुझे इन बाहों में भर के
और भी कर लूं मैं करीब
तू जुदा हो, तो लगे है
आता जाता हर पल अजीब
इस जहां में न है और न होगा
मुझ सा कोई भी खुशनसीब
तुने मुझको दिल दिया है
मैं हूँ तेरे सबसे करीब
मैं ही तो तेरे दिल में हूँ
मैं ही तो साँसों में बसूँ
तेरे दिल की धड़कनों में
मैं ही हूँ, मैं ही हूँ
[तू हमसफ़र, तू हमकदम
तू हमनवा मेरा] - 2
और भी कर लूं मैं करीब
तू जुदा हो, तो लगे है
आता जाता हर पल अजीब
इस जहां में न है और न होगा
मुझ सा कोई भी खुशनसीब
तुने मुझको दिल दिया है
मैं हूँ तेरे सबसे करीब
मैं ही तो तेरे दिल में हूँ
मैं ही तो साँसों में बसूँ
तेरे दिल की धड़कनों में
मैं ही हूँ, मैं ही हूँ
[तू हमसफ़र, तू हमकदम
तू हमनवा मेरा] - 2
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कब भला अब ये वक़्त गुज़रे
कुछ पता चलता ही नहीं
जब से मुझको तू मिला है,
होश कुछ भी अपना नहीं
उफ़ ये तेरी पलकें घनी सी
छाँव इनकी है दिलनशीं
अब किसे डर धूप का है
क्यों की है ये मुझपे बिछी
तेरा बिना न सांस लूं
तेरे बिना न मैं जियूं
तेरे बिना न एक पल भी
रह सकूं, रह सकूं
तू ही हकीकत, ख्वाब तू
दरिया तू ही, प्यास तू
तू ही दिल की बेकरारी
तू सुकून, तू सुकून
[तू हमसफ़र, तू हमकदम
तू हमनवा मेरा] - 4
कुछ पता चलता ही नहीं
जब से मुझको तू मिला है,
होश कुछ भी अपना नहीं
उफ़ ये तेरी पलकें घनी सी
छाँव इनकी है दिलनशीं
अब किसे डर धूप का है
क्यों की है ये मुझपे बिछी
तेरा बिना न सांस लूं
तेरे बिना न मैं जियूं
तेरे बिना न एक पल भी
रह सकूं, रह सकूं
तू ही हकीकत, ख्वाब तू
दरिया तू ही, प्यास तू
तू ही दिल की बेकरारी
तू सुकून, तू सुकून
[तू हमसफ़र, तू हमकदम
तू हमनवा मेरा] - 4
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