Monday, March 09, 2009

चाँद सी मेहबूबा हो मेरी

Nice way to describe how a lover appeals to a man. The sources for this blog entry are given below:






[चाँद सी मेहबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था] - २

[न कसमे हैं न रसमे हैं, न शिकवे हैं न वादे हैं] - २
एक सूरत भोली भाली है, दो नैना सीधे साधे हैं
दो नैना सीधे साधे हैं
ऐसा ही रूप खयालों में था, ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था

[मेरी खुशियाँ ही न बांटे, मेरे गम भी सहना चाहे] - २
देखे न ख्वाब महलों के, मेरे दिल मैं रहना चाहे
मेरे दिल मैं रहना चाहे
इस दुनिया में कौन था ऐसा, जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी मेहबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैंने सोचा था
[तुम बिल्कुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था] - २

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