Saturday, March 23, 2013

ओ सजना, बरखा बहार आयी

The female lover declares her love through singing in the rain. You can, however, sense a certain pure innocence in her singing.

(This drab translation doesn't do justice to what is behind the song. If you click on below, you will visit a blog post that gets into greater details).




... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[ओ सजना, बरखा बहार आयी
रस की फुहार लाई, अखियों में प्यार लाई] - 2
ओ सजना ...

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा] - 2
मीठी मीठी अगनी में जले मोरा जियारा
ओ सजना, बरखा बहार आयी
रस की फुहार लाई, अखियों में प्यार लाई
ओ सजना ...

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[ऐसी रिमझिम में, ओ सजन, प्यासे प्यासे मेरे नयन
तेरे ही ख्वाब में खो गए] - 2
[सांवली सलोनी घटा जब जब छायी]- 2
अखियों में रैना गयी, निंदिया न आयी
[ओ सजना, बरखा बहार आयी
रस की फुहार लाई, अखियों में प्यार लाई] - 2
ओ सजना ... बरखा बहार आयी
रस की फुहार लाई, अखियों में प्यार लाई
ओ सजना ...

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