Sunday, October 28, 2012

साँस में तेरी साँस मिली तो

Yash Chopra breathed his last on week ago today. This post is to recall his contribution to romance cinema.
तेरी ख़याल में डूब के अक्सर अच्छी लगी तन्हाई
To be able to be comfortable with oneself is a valuable trait. The poet notes here, through the female lover, that being in love is capable of turning even 'being alone' into a comfortable state.



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साँस में तेरी साँस मिली तो
[मुझे साँस आयी] - 3
साँस में तेरी साँस मिली तो
[मुझे साँस आयी] - 3
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रूह ने छूली जिस्म की खुशबू
[तू जो पास आयी] - 3
साँस में तेरी साँस मिली तो
[मुझे साँस आयी] - 3

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कब तक होश संभाले कोई
होश उड़े तो उड़ जाने दो
दिल कब सीधी राह आ चला है
राह मुड़े तो मुड जाने दो
तेरी ख़याल में डूब के अक्सर
अच्छी लगी तन्हाई
साँस में तेरी साँस मिली तो
[मुझे साँस आयी] - 3

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रात तेरी बाहों में कटे तो
सुबह बड़ी हल्की लगती है
आँख में रहने लगे हो क्या हम
क्यों छलकी छलकी लगती है
मुझको फिर से छूके बोलो
मेरी कसम क्या खाई ...
साँस में तेरी साँस मिली तो
[मुझे साँस आयी] - 3
रूह ने छूली जिस्म की खुशबू
[तू जो पास आयी] - 3

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