Wednesday, July 18, 2012

कोरा कागज़ था ये मन मेरा

Today marks the end of an era. Rajesh Khanna: The death of Romance.

In memory of his contributions, I present this song that describes, in poetic manner, how lovers declare their love to each other.



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कोरा कागज़ था ये मन मेरा
लिख लिया नाम इस पे तेरा
सूना आँगन था जीवन मेरा
बस गया प्यार इस पे तेरा

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[टूट न जाएँ सपने मैं डरता हूँ
नित दिन सपनों में देखा करता हूँ] - 2
नैना कजरारे, मतवारे, ये इशारे
खाली दर्पण था ये मन मेरा
रच गया रूप इस में तेरा
कोरा कागज़ था ये मन मेरा
लिख लिया नाम इस पे तेरा

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[चैन गँवाया मैंने, निंदिया गँवाई
सारी सारी रात जागूँ.  दूँ मैं दुआई] - 2
कहूं क्या मैं आगे, नेहा लागे, जी न लागे
कोई दुश्मन था ये मन मेरा
बन गया मीत जाके तेरा
कोरा कागज़ था ये मन मेरा
लिख लिया नाम इस पे तेरा

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[बागों में फूलों के खिलने से पहले
तेरे मेरे नैनों के मिलने से पहले] - 2
कहाँ की ये बातें, मुलाखातें, ऐसी रातें
टूटा तारा था ये मन मेरा
बन गया चाँद होके तेरा
कोरा कागज़ था ये मन मेरा
लिख लिया नाम इस पे तेरा

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