Saturday, October 15, 2011

कांची रे, कांची रे, प्रीत मेरी साँची

Lovers argue why each should not leave the other ... The true meaning cannot be conveyed by a drab translation ... you have to experience the song in all its melody and semantics. I didn't discover until recently that the raag ♫भूपाली is behind this melody.




... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
Male:
ये कांची ...
[कांची रे, कांची रे, प्रीत मेरी साँची
रुक जा न जा दिल तोड़ के, हो ] - 2

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[तेरे हाथों में है मेरी डोरी जैसे
कच्चे धागे से मैं बधा आया ऐसे, हो] - 2
[मुश्किल है जीना, दे दे , ओ हसीना] - 2
वापस मेरा दिल मोड के, ये ये
कांची रे, कांची रे, प्रीत मेरी साँची
रुक जा न जा दिल तोड़ के, हो
रुक जा न जा दिल तोड़ के

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[झूठा है ये घुस्सा तेरा सच्चा नहीं
सच्चे प्रेमी को तडपाना अच्छा नहीं, हो] - 2
[वापस न आऊँगा, मैं जो चला जाऊंगा] - 2
ये तेरी गलियाँ छोड़ के, ये ये
Female:
[कांचा रे, कांचा रे, प्यार मेरा साँचा
रुक जा न जा दिल तोड के, हो] - 2

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[रंग तेरे मैंने तन रंग लिया
तन क्या है, मैंने मन रंग लिया] - 2
[बस चुप ही रहना, अब फिर न कहना] - 2
रुक जा न जा दिल तोडके, ये ये

[कांचा रे, कांचा रे, प्यार मेरा साँचा
रुक जा न जा दिल तोड के, हो] - 2
Male:
कांची रे, कांची रे
Female:
कांचा रे, कांचा रे
Male:
कांची रे, कांची रे
Female:
कांचा रे, कांचा रे

No comments: