Friday, August 19, 2011

छूकर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा

"By touching my heart [or mind], what a gesture have you made?
This season changed, and the entire world seems lovely, wonderful."

Considering that an immensely desirable quality in a human being is to touch another at an emotional or at an intellectual level, it is only appropriate to have this quality immortalized in a song, crafted to hummable melody that only a Kishore Kumar can create.





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छूकर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा
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[छूकर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा
बदला ये मौसम, लगे प्यारा जग सारा] - 2
छूकर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा


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तू जो कहे जीवन भर, [तेरे लिए मैं गाऊँ] - 2
गीत तेरे बोलों पे, [लिखता चला जाऊं] - 2
मेरे, गीतों में, तुझे ढूंढें जग सारा
छूकर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा


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आजा तेरा आँचल ये, [प्यार से मैं भर दूं] - 2
खुशियाँ जहाँ भर की, [तुझको नज़र कर दूं] - 2
तू ही मेरा जीवन, तू ही जीने के सहारा
छूकर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा
बदला ये मौसम, लगे प्यारा जग सारा
छूकर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा

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