Sunday, January 03, 2010

मैं यहाँ तू वहाँ

A rather moving rendering of separation of two lovers.






... dialogue ...

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[मैं यहाँ तू वहाँ, ज़िंदगी हैं कहाँ] - 2
तू ही तू है सनम देखता हूँ जहाँ
[नींद आती नहीं, याद जाती नहीं] - 2
बिन तेरे अब जीया जाए न
... ♫ ♫ ...
मैं यहाँ तू वहाँ, ज़िंदगी हैं कहाँ

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"वक़्त जैसे टहर गया है यहीं, हर तरफ एक अजब उदासी है
बेकरार का ऐसा आलम है [की] जिस्म तनहा है, रूह प्यासी है"

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
तेरी सूरत अब एक पल, क्यों नज़र से हटती नहीं
रात दिन तो कट जाते हैं, उम्र तनहा कटती नहीं
[चाहके भी न कुछ कह सकूं तुझसे मैं] - 2
दर्द कैसे करूँ मैं बयान
... ♫ ♫ ...
मैं यहाँ तू वहाँ, ज़िंदगी हैं कहाँ

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
... dialogue ...
Female:
जब कहीं भी आहट हुई, यूं लगा के तू आ गया
खुशबू के झोंके की तरह, मेरी साँसे मेहका गया
एक वह दौर था, हम सदा पास थे
अब तो हैं फासले डर्मियाँ
... ♫ ♫ ...
मैं यहाँ तू वहाँ, ज़िंदगी हैं कहाँ

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
बीती बातें याद आती हैं, जब अकेला होता हूँ मैं
बोलती हैं खामोशियाँ, सबसे छुपके रोता हूँ मैं
एक अरसा हुआ मुस्कुराए हुए
आसुओं में ढली दास्तान

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