Saturday, November 12, 2011

आदमी जो कहता है

My blogger friend Atul has a more detailed discussion of this song. Briefly, this is a simple song that packs philosophy in every day words and experience.
Whatever a man says and hears [in his life],
Those voices keep following him throughout his entire life
Whatever [blessings] a man gives or is given,
[Those blessings] stay with him for his entire life



... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
कभी सोचता हूँ की मैं कुछ कहूं
कभी सोचता हूँ की मैं चुप रहूँ
[आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है
ज़िन्दगी भर वो सदायें पीछा करती है] - 2
आदमी जो देता है, आदमी जो लेता है
ज़िन्दगी भर वो दुआएँ पीछा करती है

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[कोई भी हो हर ख्वाब तो सच्चा नहीं होता?] - 2
बहुत ज़्यादा प्यार भी अच्छा नहीं होता
कभी दामन छुडाना हो, तो मुश्किल हो
प्यार के रिश्ते टूटें तो, प्यार के रस्ते छूटें तो
रासते में फिर वफायें पीछा करतीं है
आदमी जो कहता है आदमी जो सुनता है
ज़िन्दगी भर वो सदायें पीछा करती है

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
[कभी कभी मन धूप के कारण तरसता है] - 2
कभी कभी फिर झूम के सावन बरसता है
पलक झपके यहाँ मौसम बदल जाए
प्यास कभी मिटती नहीं, एक बूँद भी मिलती नहीं,
और कभी रिमझिम घटाएं पीछा करतीं है
आदमी जो कहता है आदमी जो सुनता है
ज़िन्दगी भर वो सदायें पीछा करती है
आदमी जो देता है, आदमी जो लेता है
ज़िन्दगी भर वो दुआएँ पीछा करती है

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