Friday, March 01, 2013

या रब्बा ... प्यार है या सज़ा, आय मेरे दिल बता

Nice collage of stories of several heartbroken lovers.




... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
प्यार है या सज़ा, आय मेरे दिल बता
टूटता क्यों नहीं दर्द का सिलसिला
इस प्यार में हों कैसे कैसे इम्तिहान
ये प्यार लिखे कैसी कैसी दास्तान
या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर दिलभर पे हो न, दिलभर पे हो न कोई असर
ओ, या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर दिलभर पे हो न, दिलभर पे हो न कोई असर
ओ, प्यार है या सज़ा, आय मेरे दिल बता
टूटता क्यों नहीं दर्द का सिलसिला

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
कैसा है सफ़र, वफ़ा की मंजिल का,
न है कोई हल दिलों की मुश्किल का
धड़कन धड़कन बिखरी रंजिशें
सांसें सांसें टूटी बंदिशें
कहीं तो हर लम्हा होंटों पे फ़रियाद है
किसी की दुनिया चाहत में बरबाद है
या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर दिलभर पे हो न, दिलभर पे हो न कोई असर
ओ, या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर दिलभर पे हो न, दिलभर पे हो न कोई असर

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
कोई न सुने सिसकती आहों के
कोई न धरे तड़पती बाहों को
आधी आधी पूरी ख्वाईशें
टूटी फूटी सब फ़र्माइशें
कहीं शार्क है कहीं नफरत की दीवार है
कहीं जीत में भी शामिल पल पल हार है
या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर दिलभर पे हो न, दिलभर पे हो न कोई असर
ओ, या रब्बा दे दे कोई जान भी अगर दिलभर पे हो न, दिलभर पे हो न कोई असर
ओ, प्यार है या सज़ा, आय मेरे दिल बता
टूटता क्यों नहीं दर्द का सिलसिला

No comments: