Monday, February 06, 2012

साथिया ... साथिया ... पगले से दिल ने ये क्या किया

The female lover sings how her [miscreant] heart has chosen its lover without her knowledge ... 

The poet has chosen to refer to the heart in third person, as though the real she is different from her heart. Such separation helps in understanding when the heart does good things and bad, a clear ingredient in making the head rule the heart. That all of this woven to memorable music is, of course, the beauty of this creation.





... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
साथिया ... साथिया ...
पगले से दिल ने ये क्या किया
चुन लिया ... चुन लिया ...
तुझको दीवाने ने चुन लिया
दिल तो उड़ा उड़ा रे आसमाँ में बादलों के सँग
यह तो मचल मचल के गा रहा है सुन नयी सी धुन
[बदमाश दिल तो थग है बड़ा
बदमाश दिल ये तुझ से जुडा
बदमाश दिल मेरी सुने न ज़िद पे अड़ा ...] - 2

... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
ओ ...
अच्छी लगे, दिल को मेरे, हर बात तेरे
साया तेरा, बन के चलूँ, इतना है ख्वाब रे
काँधे पे सर, रख के तेरे, कट जाये रात रे
बीतेंगे दिन, थामे तेरा, हाथों में हाथ रे
ये क्या हुआ मुझे मेरा ये दिल फिसल फिसल गया
ये क्या हुआ मुझे मेरा जहाँ बदल बदल गया
[बदमाश दिल तो थग है बड़ा
बदमाश दिल ये तुझ से जुडा
बदमाश दिल मेरी सुने न ज़िद पे अड़ा ...] - 2


... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
ओ ...
नींदें नहीं, चैना नहीं, बदलूँ मैं करवटे
तारे गिनू, या मैं गिनू, चादर की सिलवटें
यादों में तुम, ख़्वाबों में तुम, तेरी ही चाहतें
जाऊं जिधर, ढूँढा करूँ, तेरी ही आहतें
ये जो है दिल मेरा ये दिल सुनो न कह रहा यही
वो भी क्या ज़िंदगी है ज़िंदगी के जिस में तू नहीं
बदमाश दिल तो थग है बड़ा
बदमाश दिल ये तुझ से जुडा
बदमाश दिल मेरी सुने न ज़िद पे अड़ा ...
साथिया ... साथिया ...
पगले से दिल ने ये क्या किया
चुन लिया ... चुन लिया ...
तुझको दीवाने ने चुन लिया
दिल तो उड़ा उड़ा रे आसमाँ में बादलों के सँग
यह तो मचल मचल के गा रहा है सुन नयी सी धुन
[बदमाश दिल तो थग है बड़ा
बदमाश दिल ये तुझ से जुडा
बदमाश दिल मेरी सुने न ज़िद पे अड़ा ...] - 2

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