Wednesday, February 11, 2009

मेरा जीवन, कोरा कागज़

Another superb rendering by Kishore Kumar on the elusive nature of love.






मेरा जीवन, कोरा कागज़, कोरा ही रह गया
मेरा जीवन, कोरा कागज़, कोरा ही रह गया
जो लिखा था, आ ... जो लिखा था, आन्सूओं के संग बह गया
मेरा जीवन ...
मेरा जीवन, कोरा कागज़, कोरा ही रह गया

एक हवा का झोंका आया, हो... एक हवा का झोंका आया
टूटा डाली से फूल, टूटा डाली से फूल
न पवन की, न चमन की,
किसीके हैं ये भूल, किसीके हैं ये भूल
खो गयी, खो गयी, खुशबू हवा में कुछ न रह गया
मेरा जीवन ...
मेरा जीवन, कोरा कागज़, कोरा ही रह गया

उड़ ते पंची का ठिकाना, हो... उड़ ते पंची का ठिकाना
मेरा न कोई जहाँ, मेरा न कोई जहाँ,
न डगर हैं, न ख़बर हैं,
जाना हैं मुझ को कहाँ, जाना हैं मुझ को कहाँ?
बन के सपना, बन के सपना, हमसफ़र का, साथ रह गया
मेरा जीवन ...
मेरा जीवन कोरा कागज़, कोरा ही रह गया
जो लिखा था, आन्सूओं के संग बह गया
मेरा जीवन कोरा कागज़, कोरा ही रह गया
कोरा ही रह गया ...

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