Saturday, June 06, 2009

मेरे महबूब क़यामत होगी



... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
मेरे महबूब क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों मैं मुहब्बत होगी
मेरी नज़रें तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
तेरी गली में आता सनम
नगमा वफ़ा का गाता सनम
तुझसे सूना न जाता सनम
फिर आज इधर, आया हूँ मगर, यह कहने मैं दीवाना
ख़तम बस आज यह वेह्शत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों मैं मुहब्बत होगी
मेरे महबूब ...
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
मेरी तरहा तू आहे भरे
तू भी किसीसे प्यार करे
और रहे वह तुझसे परे
तूने वो सनम, धाये है सितम, तो यह तू भूल न जाना
के न तुझ पे भी इनायत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों मैं मुहब्बत होगी
मेरे महबूब क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मुहब्बत होगी
मेरी नज़रें तो गिला करती हैं
तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब ...





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