A simple composition that seeks God.
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तुम आ जाना भगवान
मैं द्वार खोलकर बैठा हूँ
तेरे बिना मन मंदिर मेरा
है बढ़ा सुनसान
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रीत पूजा की याद नहीं है
क्या चढ़ाऊँ? प्रसाद नहीं है
तुम हो दाता, मैं हूँ भिकारी
क्या दियूं मैं बलिदान?
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तुम आ जाना भगवान
मैं द्वार खोलकर बैठा हूँ
तेरे बिना मन मंदिर मेरा
है बढ़ा सुनसान
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रीत पूजा की याद नहीं है
क्या चढ़ाऊँ? प्रसाद नहीं है
तुम हो दाता, मैं हूँ भिकारी
क्या दियूं मैं बलिदान?
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धन की मुझे तो प्यास नहीं है
दरस मिले, बस, आस यहीं है
तनिक भगती से भगत नाथ को
हो जाए पहचान
hi, would like to know the name of composer of this simple yet beautiful song.thanks for showing the lyrics.
ReplyDeletethis msg from Nagesh. email: sn132168@gmail.com